UN की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 2 दशकों में भारत में तलाक के मामले दोगुने बढ़ गए हैं. ऐसे में महिलाओं के लिए वित्तीय सुरक्षा के लिए पहले से सजग रहना जरूरी हो जाता है.
पश्चिमी देशों में prenuptial agreement एक आम बात है. लेकिन, भारत में इन्हें एक अजूबे के तौर पर देखा जाता है.